दिव्य नमो महाविधा बरदा – माँ बगलामुखी चालीसा के बोल अंग्रेजी में । माँ बगलामुखी को समर्पित शक्तिशाली भजन में डूब जाएँ, आशीर्वाद और आध्यात्मिक शक्ति का आह्वान करें। भक्ति चाहने वालों के लिए बिल्कुल सही!
माँ बगलामुखी चालीसा हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं में से एक देवी बगलामुखी को समर्पित एक भक्ति भजन है। उन्हें एक शक्तिशाली देवी माना जाता है जो अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और दुश्मनों, भय और बाधाओं को दूर करने में मदद करती हैं। चालीसा 40 छंदों का एक सेट है (हिंदी में चालीस का अर्थ है “चालीस”) जो उनकी शक्ति, करुणा और दिव्य क्षमताओं की प्रशंसा करता है। भक्त उनका आशीर्वाद, सुरक्षा और जीवन में सफलता पाने के लिए इसका पाठ करते हैं। चालीसा के शब्द सरल हिंदी में लिखे गए हैं, जिससे इसे समझना और गाना आसान हो जाता है। इसे अक्सर विशेष प्रार्थनाओं के दौरान, मंगलवार या गुरुवार को या त्योहारों के दौरान सुनाया जाता है। यह भजन भक्तों को विश्वास और साहस से भर देता है, जिससे उन्हें सुरक्षित और सकारात्मक महसूस करने में मदद मिलती है।
माँ बगलामुखी कौन हैं?
माँ बगलामुखी एक शक्तिशाली हिंदू देवी हैं जिन्हें “विजय की देवी” के रूप में जाना जाता है। वह लोगों को नुकसान से बचाने में मदद करती हैं और उन्हें दुश्मनों, बुरे विचारों और चुनौतियों पर काबू पाने की शक्ति देती हैं। उनके नाम का अर्थ है “वह जो प्रतिद्वंद्वी की बोलती बंद कर देती है”, क्योंकि माना जाता है कि वह नकारात्मक शक्तियों को शांत करती हैं और शांति लाती हैं।
माँ बगलामुखी दस महाविद्या कहलाने वाली दस ज्ञान देवियों में से एक हैं । उन्हें आमतौर पर पीले कपड़े पहने, सुनहरे सिंहासन पर बैठे और बुराई को हराने के लिए एक गदा पकड़े हुए दिखाया जाता है। लोग आत्मविश्वास पाने, डर को दूर करने और कठिन परिस्थितियों में सफलता पाने के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है कि उनका आशीर्वाद स्पष्टता लाता है, खतरे से बचाता है और सत्य और न्याय की ओर ले जाता है।
माँ बगलामुखी की पूजा करने से क्या लाभ हैं?
माँ बगलामुखी की पूजा करने से कई लाभ मिलते हैं, जो मुख्य रूप से विजय, सुरक्षा और सशक्तिकरण पर केंद्रित हैं। भक्त शत्रुओं पर विजय, कानूनी लड़ाई में सफलता और नकारात्मक ऊर्जाओं और काले जादू से सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। उनकी पूजा से कपटपूर्ण वाणी को शांत करने और व्यक्ति के संचार को सशक्त बनाने में मदद मिलती है, जिससे यह प्रभावशाली और प्रेरक बन जाता है। इसके अतिरिक्त, माँ बगलामुखी भय और आत्म-संदेह पर काबू पाने, आत्मविश्वास और साहस को बढ़ावा देने में सहायता करती हैं। ऐसा माना जाता है कि वे वित्तीय समृद्धि और आध्यात्मिक विकास भी लाती हैं। उनके मंत्रों का जाप करके और विशिष्ट अनुष्ठान करके, भक्त खुद को उनकी शक्ति के साथ जोड़ते हैं, जिससे एक सामंजस्यपूर्ण और सफल जीवन की ओर अग्रसर होते हैं।
माँ बगलामुखी चालीसा (Maa Baglamukhi Chalisa)
|| दोहा ||
सर नवै बगलामुखी, लिखूं चालीसा आज |
कृपा करहु मोपर सदा, पूरण हो मम काज ||
|| चौपाई ||
नमो महाविधा बरदा, बगलामुखी दयाल,
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल।
नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्याणी।
भक्त वत्सल शत्रु नाशनि, नमो महाविधा वरदानी।
अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा।
स्वर्ण सिंहासन पर असीना, पीतांबर अति दिव्य नवीना।
स्वर्ण भूषण सुन्दर धरे, श्रीमान पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे।
तीन नेत्र दो भुजा मृणमाला, धरे मुद्गर पाश कराला।
भैरव करे सदा सेवकाई, सिद्ध काम सब विघ्न नासाई।
तुम नफरत का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकुल धारा।
तुम काली तारा भुवनेशी, त्रिपुर सुंदरी भैरवी वेशी।
छिन्नभल धूम मातंगी, गायत्री तुम बगला रंगी।
सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजें।
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहा।
दुष्टोच्चटां कारक माता, अरि जीव के कीलक सघात।
साधक के विपति की त्राता, नमो महामाया प्रख्याता।
मुद्गर शिला के लिए अति भारी, प्रेतासन पर की सवारी।
तीन लोक दास दिशा भवानी, विचारहु तुम हित कल्याणी।
अरि अरिष्ट सोचे जो जन को, बुद्धि नश्कर कीलक तन को।
हाथ पांव बांधो तुम टेक, हनहो जीव बिच मुदगर बाके।
छोरो का जब संकट आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे।
अनल अनिल विप्लव गहरवे, वाद विवाद न निर्णय पावे।
मूठ आदि अभि चरण संकट, राजभीति आपदा संकट।
ध्यान करत सब कष्ट नासवे, भूत प्रेत न बाधा आवे।
सुमरित राजद्वार बंद जावे, सभा बीच स्तम्भन छाये।
नाग सर्प वृश्चिकादि भयंकर, खल विहंग भगहिं सब सत्वार।
सर्व रोग कि नाशन हारि, अरिकुल मूलोचतन करि।
स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक।
तुमको सदा कुबेर मनावे, श्री समृद्धि सुयश नित गावे।
शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, दुःख दारिद्र विनाशक माता।
यश ऐश्वर्या सिद्धि की दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदथा।
पीताम्बरा नमो कल्याणी, नमो माता बगला महारानी।
जो तुमको सुमरै चितलाई, योग क्षेम से करो सहाई।
आपापत्ति जन की तुरत निवारो, आधी व्याधि संकट सब तारो।
पूजा विधि नहीं जानत तुम्हारी, अर्थ न आखर करहुं निहोरी।
मुख्य कुपुत्र अति निवल उपाय, हाथ जोड़ शरणागत आया।
जग में केवल तुम्हीं सहारा, सारे संकट करहु निवार।
नमो महादेवी हे माता, पीतांबरा नमो सुखदता।
सोम्य रूप धर बनती माता, सुख संपत्ति सुयश की दाता।
रुद्र रूप धर शत्रु संहारो, अरि जीव में मुद्गर मारो।
नमो महाविधा अगर, आदि शक्ति सुंदरी अपरा।
अरी भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता।
रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल।
मेरी सब बधा हरो, माँ बगले तत्काल।
सामान्य प्रश्न
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माँ बगलामुखी की पूजा में पीले रंग का क्या महत्व है?
पीला (
पीताम्बरा ) माँ बगलामुखी का पसंदीदा रंग है और समृद्धि, सकारात्मकता और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। भक्त उनकी पूजा के दौरान पीले कपड़े पहनते हैं, पीले फूल चढ़ाते हैं और हल्दी जैसी पीली वस्तुओं का उपयोग करते हैं। -
माँ बगलामुखी के मंत्र क्या हैं?
मां बगलामुखी का मूल मंत्र है: “ओम ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानं वाचं मुखं पदं स्तंभय जीवं कीलय बुद्धिं विनाशाय ह्लीं ऊं स्वाहा।” इस मंत्र का जाप शत्रुओं के नकारात्मक प्रभावों को निष्क्रिय या निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है।
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माँ बगलामुखी और तंत्र के बीच क्या संबंध है?
माँ बगलामुखी का तांत्रिक साधनाओं से गहरा संबंध है। तांत्रिक अनुष्ठानों में सुरक्षा, विजय और आध्यात्मिक महारत के लिए उनका आह्वान किया जाता है। उनकी पूजा अक्सर विशिष्ट साधनाओं (आध्यात्मिक नुशासन) और होम (अग्नि अनुष्ठान) के साथ की जाती है।
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क्या माँ बगलामुखी की पूजा करना किसी के लिए भी सुरक्षित है?
हां, लेकिन मां बगलामुखी की पूजा करने के लिए इरादे और भक्ति की शुद्धता की आवश्यकता होती है। वह एक शक्तिशाली देवी हैं, और अनुष्ठानों में गलतियों से बचने के लिए उनके मंत्रों का जाप किसी अनुभवी गुरु या पुजारी के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए।